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फिएट करेंसी (फिएट मनी)

क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता के बावजूद, फिएट करेंसी अभी भी दुनिया भर में पहले पायदान पर है। यह समझ में आता है, क्योंकि फिएट मनी का इतिहास सदियों पुराना है, और मानवता अभी तक उसकी खामियों पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। हालाँकि, इस आर्टिकल में आप उनके बारे में सब कुछ जानेंगे! और फिएट मनी के फायदों और कमियों के बारे में और उनकी उत्पत्ति के इतिहास तक उनकी अन्य सभी बारीकियों के बारे में भी जानेंगे।

फ़िएट मनी क्या होती है?

फिएट मनी एक ऐसी करेंसी है, जिसका अपने आप में कोई वैल्यू नहीं है, लेकिन यह एक निश्चित देश या देशों की यूनियन के पेमेंट का एक मुख्य और कानूनी साधन है। एक फिएट करेंसी का एक्सचेंज रेट इसकी मांग के साथ-साथ दुनिया की राजनीतिक स्थिति, आर्थिक घटनाओं और पर्यावरण से सम्बंधित आपदाओं और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। फिलहाल, फिएट करेंसी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का आधार है। किसी भी देश का सेंट्रल बैंक देश के अंदर इसे जारी करने और रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार होता है। इस प्रकार, फिएट करेंसी अर्थव्यवस्था को मैनेज करने के लिए लिवरेज का काम करती है, क्योंकि सरकार अकेले ही देश में करेंसी की मात्रा को कंट्रोल करती है।

फिएट मनी की परिभाषा कागज और धातु दोनों रूपों के साथ-साथ कैशलेस पेमेंट के लिए भी उपयोग की जाती है। ऐसी करेंसी का सबसे अच्छा उदाहरण डॉलर और यूरो होता हैं, जो दुनिया के ज्यादातर देशों में पेमेंट के मुख्य साधनों में से एक हैं।

फिएट मनी का इतिहास

फिएट मनी का इतिहास

जैसा कि आप जानते हैं, शुरुआत में पैसा किसी भी रूप में मौजूद नहीं था: पैसो के बजाय, लोग बार्टर सिस्टम का उपयोग करते थे, मतलब वे एक चीज़ के बदले, दूसरी चीज़ का आदान-प्रदान करते थे। हालाँकि, समाज की जटिलता और अर्थव्यवस्था के विकास के साथ, माल की सही कीमत का पता लगाने में कठिनाइयाँ आने लगीं (उदाहरण के लिए, एक घोड़े के बदले कितने सेब देने की ज़रूरत होगी? इसका कैलकुलेशन कैसे करें?)।फिर ओशिनियन देशों में लेन देन की परिक्रिया को कीमती पत्थरों, धातुओं और यहां तक ​​​​कि कौड़ी के शैल के एक्सचेंज के साथ बदल दिया गया।

10 वीं शताब्दी में चीन में पहली बार फिएट मनी को इस्तेमाल में लाया गया, जब मेटल करेंसी की मांग देश में उपलब्ध दूसरी कीमती मेटल की मात्रा से अधिक हो चुकी थी, और उस समय के राजवंश को आर्थिक सुधारों की जरुरत का एहसास हुआ। क्योंकि उसी समय चीन में पहले से ही तथाकथित “क्रेडिट नोट” का सक्रिय रूप से इस्तेमाल हो रहा था, जोकि कागज का टुकड़ा होता हैं और यह आपको सामान उधार लेने की अनुमति देता हैं, बैंकनोट्स ने काफी आसानी से अपनी जड़ें जमा ली थीं।

हालांकि, यरोप में पेपर करेंसी का इस्तेमाल केवल 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ, जब फ्रांस और अमेरिकी कॉलोनियों ने क्रेडिट नोट के रूप को प्रचलन में लाया, जिससे सरकार को टेक्स का भुगतान करने के लिए कॉइन को खर्च करने की जरुरत नहीं होती थी। तब से, फिएट करेंसी ने, कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना किया है। ऐसे, न्यू इंग्लैंड में, युद्धों के दौरान बैंकनोटों की कीमते बहुत तेजी से गिर जाती थी और इसके चलते बैंकनोटों को फिर से कच्चे माल या सोने-चांदी के साथ एक्सचेंज किया जाता था। हालांकि, 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, कई इंटरनेशनल बैंकों ने बैंकनोटों को माल के बदले एक्सचेंज करने की अनुमति दी, जिसके चलते फिएट की स्थिति में काफी सुधर हुआ। 1944 में साइन किये गए ब्रेटन वुड्स समझौते ने फैसला किया, कि एक औंस (ounce) गोल्ड की कीमत अब 35 डॉलर होगी या फिर इसके विपरीत 35 डॉलर के बदले एक औंस (ounce) सोना। इस प्रकार, डॉलर का एक भौतिक मूल्य निर्धारित हुआ, लेकिन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के नए विचारों के साथ-साथ डॉलर की संख्या गोल्ड के रिज़र्व से अधिक होने के बाद समझौता समाप्त हो गया। फिर भी, उस समय तक डॉलर पहले से ही, इतना अधिक उपयोग में आ चुका था, कि उस पर विश्वास, साथ ही साथ अन्य करेंसी के डॉलर के साथ सम्बन्ध ने एक्सचेंज रेट को लड़खड़ाने नहीं दिया। हम कह सकते हैं, कि फ़िएट मनी की जो आज की वैल्यू है, उसके पीछे इसके विकास का इतिहास रहा है।

फिएट मनी के फायदे

फिएट मनी के फायदे

आज दुनिया के सभी देशों की इकॉनमी में फिएट मनी, पहले स्थान पर है। लेकिन आज ज्यादातर देश, फिएट मनी का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?

  • फिएट कर्रेंसी के जरिए सरकार अर्थव्यवस्था पर पूरा कंट्रोल प्राप्त करती है, जिसके लिए वह सेंट्रल बैंक और मॉनेटरी पॉलिसी को टूल्स के रूप में इस्तेमाल करती है।
  • फिएट मनी अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देती है, जबकि भुगतान के दूसरे रूप में, इसके विपरीत, इसे धीमा कर देती हैं, जैसा कि युद्ध के समय और मंदी के समय हमे देखने को मिलता है।
  • फिएट करेंसी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए काफ़ी उपयोगी साबित होती हैं, क्योंकि इससे प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती हैं (आखिरकार, कीमती मेटल धरती पर समाप्त होती जा रही हैं) और इसके लिए बड़ी उत्पादन लागत की जरुरत नहीं होती है।
  • क्योंकि धरती पर जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है, अर्थव्यवस्था और मानव जाति की गतिविधियाँ काफ़ी पहले ही प्राकृतिक संसाधनों की माइनिंग करने की स्पीड को पार कर चुकी है, जिसके चलते पेमेंट करने के पुराने तरीके भी असक्षम होते जा रहे हैं।

फिएट मनी के नुकसान

दुनिया की सभी चीजों की तरह, फिएट करेंसी सिस्टम में भी अपनी खामियां हैं, जो हाल के वर्षों में विशेष रूप से बढ़ चुकी हैं:

  • किसी दूसरी करेंसी की तुलना में फ़िएट करेंसी, भौतिक मूल्य की कमी के कारण इन्फ्लेशन के ज़्यादा अधीन होती है।
  • सरकारें आर्टिफिशल तरीके से देश के भीतर पैसो की सप्लाई को बढ़ा सकती हैं, क्योंकि केवल वही तय करती हैं, कि कितना पैसा छापना है।
  • कुछ राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के कारण, फिएट करेंसी में लोगों का विश्वास कम हो सकता है, और फिएट मनी केवल विश्वास के द्वारा ही समर्थित होता है।
  • यह आबादी और बिजनेस के बीच सामान खरीदने की क्षमता को संकट में डाल सकता है।

फिएट मनी बनाम कमोडिटी मनी

फिएट मनी बनाम कमोडिटी मनी

कमोडिटी मनी — यह कोई भी वस्तु हो सकती है, जिसका उपयोग इसके सामग्री या पदार्थ के मूल्य के कारण पेमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। प्रत्येक युग में और प्रत्येक देश में, कमोडिटी मनी का अपना रूप था: उदाहरण के लिए, उनमें न केवल सोना, बल्कि नमक, चीनी, वही कौड़ी के शैल, एम्बर, डायमंड, तंबाकू, कॉफी आदि शामिल हैं।

कमोडिटी मनी और फिएट मनी के बीच मुख्य अंतर यह है, कि कमोडिटी मनी का मूल्य सरकार द्वारा नहीं, बल्कि एक्सचेंज करने वाले व्यक्ति द्वारा निर्धारित किया जाता है, इसलिए यह मूल्य हमेशा “फ्लोटिंग” होता है। यह पब्लिक डिमांड और कमोडिटी मनी की कमी या विशिष्टता (उदाहरण के लिए, कोको बीन्स, जिन्हें विदेश से मंगवाया जाता था और प्राप्त करना मुश्किल माना जाता था, जिनकी कीमत काफी अधिक हुआ करती थी) दोनों द्वारा बढ़ाया जाता है।

फिएट मनी के सामने कमोडिटी मनी के अपने फायदे होते हैं:

  • कम इन्फ़्लेशन। चूंकि कमोडिटी मनी का भौतिक मूल्य होता है और आम तौर पर इसकी संख्या को आर्टिफीसियल रूप से जल्दी से नहीं बढ़ाया जा सकता है, यह दशकों तक अपना मूल्य बनाए रख सकती है।
  • बाहरी कंट्रोल पर कम निर्भरता। सरकार इसके लिए कई आवश्यकताओं और टेक्स को पेश करके कमोडिटी मनी को रेगुलेट कर सकती है, लेकिन क्वांटिटी, डिमांड और वॉल्यूम को नियंत्रित नहीं कर सकती, जैसा कि फिएट मनी के साथ होता है।
  • मध्यम डिफ्लेशन। कमोडिटी मार्किट में निवेश करने वाले निवेशकों को किसी भी संकट से हमेशा फायदा होगा।

ट्रेडिंग मनी के स्पष्ट नुकसान में शामिल होते हैं:

  • एक्सपायरी डेट। आम तोर पर, कमोडिटी मनी खराब हो सकती है, खासकर यदि यह कोई खाद्य पदार्थ या रेशम और ऊन जैसी विशेष रूप से संवेदनशील मेटीरियल के रूप में हो।
  • क्वालिटी में फर्क। एक ही माल के प्रोडक्शन की क्वालिटी अलग-अलग हो सकती है, जिसके कारण एक प्रकार की कमोडिटी मनी की कीमत भी अलग होगी। ऐसे में उनके मूल्यांकन में दिक्कत आ सकती है। ऐसे, 18 वीं सदी में इंग्लैंड में एक कमोडिटी करेंसी के रूप में घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था, और अक्सर उधार लौटाते समय लोग बीमार या बूढ़े घोड़ों को देने की कोशिश करते थे।
  • आर्थिक मंदी। कमोडिटी मार्किट की स्थिरता, इसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, क्योंकि स्थिरता परिवर्तन और इसके परिणामस्वरूप, विकास को रोकती है।

फिएट मनी बनाम गोल्ड स्टैंडर्ड

गोल्ड स्टैंडर्ड — एक मॉनेटरी सिस्टम है, जिसमें करेंसी का गोल्ड के रूप में भौतिक आधार होता है, अर्थात यह सीधे कीमती धातुओं के मूल्य से संबंधित होता है। यदि किसी देश में गोल्ड स्टैंडर्ड है, तो सरकार एक औंस सोने के लिए एक निश्चित मूल्य निर्धारित करती है, जिसके आधार पर दूसरी करेंसी का मूल्य निर्धारित किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, ब्रेटन वुड्स समझौते के दौरान, एक औंस सोने की कीमत $ 35 थी, जिसके परिणामस्वरूप एक डॉलर की कीमत एक औंस सोने का 1/35 हिस्सा थी।

फिलहाल, किसी भी सरकार द्वारा गोल्ड स्टैंडर्ड का उपयोग नहीं किया जाता है, हालांकि, प्रथम विश्व युद्ध से पहले इसका सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया गया था। उस समय, गोल्ड ने सरकारों को करेंसी को बदलने के झंझट से मुक्त कर दिया और इंटरनेशनल ट्रेड के लिए पैमेंट के एक यूनिवर्सल मेथड के रूप में काम किया।

फिएट मनी की तुलना में, गोल्ड का मुख्य फायदा इन्फ्लेशन का प्रतिरोध करने की क्षमता है। आज तक, कई निवेशक कीमती धातुओं में अपनी बचत का निवेश करते हैं, यह मानते हुए कि गोल्ड की सीमित आपूर्ति, एक सम्पूर्ण संसाधन और गहनों के लिए मुख्य सामग्री होने के कारण, उसके मूल्य में गिरावट होना असंभव होता है। फिर भी, गोल्ड मार्किट और यहां तक ​​​​कि जनता के मूड को अस्थिर करने की क्षमता रखता है — इसके लिए, प्रसिद्ध “गोल्ड रश” के बारे में सोचना ही काफ़ी होता है।

फिएट मनी बनाम क्रिप्टोकरेंसी

फिएट मनी बनाम क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है, जिसमे अपना खुद का डिसेन्ट्रलाइज़ पेमेंट सिस्टम होता है और जिसके लिए किसी मौजूदा करेंसी से लिंक होना ज़रूरी नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य केवल उस कम्युनिटी द्वारा फिक्स किया जाता है, जो इसका उपयोग करती है और उन निवेशकों द्वारा जो इसकी सुविधा के कारण दूसरे विकल्पों के बजाय क्रिप्टो का उपयोग करते हैं।

साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी की एक विशेषता पर विचार किया जा सकता है, कि इसका कोई भौतिक आधार नहीं होता है, अर्थात यह वर्चुअल होता है। और इसके चलते, यह सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है और अधिकारियों द्वारा आर्टीफिशयल तरीके से समर्थित नहीं होता है। उसी समय, क्रिप्टोकरेंसी को तकनीकी तौर पर सबसे सुरक्षित करेंसी माना जाता है, क्योंकि यह ब्लॉकचेन तकनीकों द्वारा संरक्षित होता है, और यूज़र के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट तक पहुंच प्राप्त करना (यानि इससे चोरी करना) लगभग असंभव होता है। किसी भौतिक या बैंक वॉलेट की तरह नहीं। यह अलग-अलग देशों के बीच अल्ट्रा-फास्ट पेमेंट की भी अनुमति देती है और स्थिरता बढ़ाने के लिए इसे फ़िएट करेंसी द्वारा आंका जा सकता है, जैसे Bitcoin को डॉलर द्वारा आंका गया है।

इस प्रकार, क्रिप्टोकरेंसी को आज सबसे बेहतर पेमेंट मेथड माना जा सकता है, जिसके कारण यह दुनिया भर में तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रही है और इसमें फिएट मनी के प्राथमिक अर्थ को नष्ट करने और इसे उसी तरह से बदलने की संभावना होती है जैसे कि फिएट ने एक बार गोल्ड स्टैंडर्ड और बार्टर सिस्टम को समाप्त कर दिया था।

हालांकि, इसमें क्रिप्टोकरेंसी की खामियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। अर्थात् इसकी अस्थिरता, जो कि सरकारों और पेमेंट सिस्टम्स द्वारा इसे इस्तेमाल न करने की मुख्य वज़हों में से एक है। इसके अलावा वर्तमान कानून क्रिप्टोकरेंसी के बहुत ज्यादा डिसेन्ट्रलाइज़ नेचर के चलते इसके यूज़र्स को कानूनी गारंटी देने का कोई तरीका नहीं ढूंढ पा रहा है। इसलिए, क्रिप्टोकरेंसी को फिएट करेंसी का प्रतियोगी माना जा सकता है, लेकिन इसका रेप्लेस्मेंट नहीं, क्योंकि फिएट मनी के फायदे आज भी क्रिप्टोकरेंसी से ज्यादा हैं।

फिएट मनी के उदाहरण

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, USA वह पहला देश बना, जिसने न केवल अपनी फ़िएट करेंसी को पेश किया बल्कि अपनी फिएट करेंसी की स्थिति को सुरक्षित रूप से मजबूत भी किया। इसका नतीजा यह हुआ कि, दूसरे देशों की सभी करेंसी की तुलना डॉलर से की जाने लगी। अब, डॉलर के अलावा, यूरो, युआन, रूबल, फ्रैंक, येन आदि सहित 150 से अधिक अलग-अलग करेंसी शामिल हैं। वास्तव में, किसी भी देश में किसी भी स्टोर में आप जो कुछ भी पेमेंट कर सकते हैं, उसे भी फिएट मनी का एक उदाहरण माना जा सकता है।